लंबे समय पहले यह ब्लॉग बनाया था, सोचा था कि रोज लिखूंगा। अखबारी दुनिया से इतर। लेकिन, कभी नहीं लिख पाया। क्रिएटिविटी मर जाए, इससे बेहतर है कि पनपे भले ही ना, लेकिन थोड़ी बहुत सांस जरूर लेती रहे। इसलिए अब से जरूर लिखूंगा। सप्ताह में नहीं तो कम से कम महीने में एक बार जरूर।
Saturday, July 7, 2012
Tuesday, October 6, 2009
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